घर से भागे हुए प्रेमी जोड़ो को इस मंदिर में मिलती है शरण, पुलिस के आने पर भी है प्रतिबन्ध
आज वक़्त बदल गया है नए जमाने के साथ लोगों की सोच भी बदल रही है। मगर आज भी कुछ ऐसे संकुचित मानसिकता के लोग समाज में है जो लड़का और लड़की को वालिग होने के बाद भी अपनी मर्जी से ना शादी करने देते और ना हिओ चैन से जीने देते है। अक्सर ऐसे प्रेमी जोड़े या तो मार दिए जाते हैं या वो खुद ही सुसाइड कर के अपनी जान दे देते हैं। समाज का कोई भी वर्ग ऐसे प्रेमी जोड़ो से भले ही दूरी बना ले लेकिन हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी जगह है जहां एक मंदिर ऐसे ही ना जाने कितने प्रेमी जोड़ो को शरण देता है। जी हाँ, हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के शांघड़ गांव के देवता शंगचूल महादेव के मंदिर में घर से भागे प्रेमी जोड़ों को शरण दी जाती है देते।
कुल्लू की सेंज वैली में है ये मंदिर
आपको बता दें कि ये शांघड़ गांव कुल्लू की सेंज वैली में है। शंगचूल महादेव की सीमा में किसी भी जाति के प्रेमी युगल अगर पहुंच जाते हैं तो फिर जब तक वो इस मंदिर की सीमा रहते हैं उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। फिर चाहे वो प्रेमी जोड़े के घरवाले हों या कोई पोलिसवाला हो। दरअसल जैसे ही इस सीमा में कोई प्रेमी युगल पहुंचता है वैसे ही उसे देवता की शरण में आया हुआ मान लिया जाता है। यहां भागकर आए प्रेमी युगल के मामले निपट ही नहीं जाते तब तक मंदिर के पंडित प्रेमी युगलों की खातिरदारी करते हैं।
इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है
यही नहीं इस गांव में पुलिस के आने पर भी प्रतिबंध है। इसके साथ ही यहां शराब, सिगरेट और चमड़े का सामान लेकर आना भी मना है। यहाँ ना तो कोई हथियार लेकर आ सकता है और ना ही किसी प्रकार का लड़ाई झगड़ा और ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकता है।
अज्ञातवास के दौरान पांड़व यहां रूके थे
दरअसल इस मंदिर में प्रेमी जोड़े को शरण देने का कारण पुराणों से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि अज्ञातवास के समय पांडव यहां कुछ समय के लिए रूके थे। कौरव उनका पीछा करते हुए यहां आ गए। तब शंगचूल महादेव ने कौरवों को रोका और कहा कि ये मेरा क्षेत्र है और जो भी मेरी शरण में आएगा उसका कोई कुछ बिगाड़ सकता। इसलिए महादेव के डर से कौरव वापस लौट गए। तब से लेकर आज तक जब भी कोई समाज का ठुकराया हुआ शख्स या प्रेमी जोड़ा यहां शरण लेने के लिए पहुंचता है, महादेव उसकी देखरेख करते हैं।
यहां सिर्फ इन्हीं को न्याय करने का हक है
वैसे तो इस मंदिर की दूर-दूर तक मान्यता है जिसकी भी शादी में अड़चन और रुकावट आती है वो यहां इनके दर्शन करने पहुंच जाता है। ज्यादातर आपको इस इलाके में प्रेमी जोड़े ही नज़र आएंगें। प्यार करने वाले हर इंसान को यहां पनाह मिलती है। इस मंदिर के 100 बीघा दूर तक किसी भी प्रेमी जोड़े को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। कहते हैं कि घर से ठुकराए लोगों की जिम्मेदारी यहां के देवता करते हैं। एक बार जो शंगचुल महादेव की शरण में आ जाए तो फिर उसे किसी बात की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं उनकी हर कठिनाई को वो दूर करते हैं और उनकी आने वाली ज़िंदगी को खुशहाल बना देते हैं।
आगजनी की एक घटना जल गया था ये मंदिर
मगर आज यह बहुत दुखी है, क्योंकि आगजनी की एक घटना में महादेव के मंदिर समेत कई घर जल गए हैं। मगर इसके बावजूद लोगों की आस्था अटूट है और लोग सदियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन भी कर रहे हैं।
"जय शंगचुल महादेव "
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